what is genetics in Hindi :-
Definition of genetics :- "In all organisms, the traits required for inheritance are passed on from generation to generation. These traits are called genetic traits. The branch of science under which heredity and genetic traits required for it are studied is called genetics."
genetics |
इसके अंतर्गत पीढ़ी दर पीढ़ी जैविक विकास के लिए आवश्यक सभी लक्षणों का अध्ययन किया जाता है।इसके अंतर्गत Gene (DNA), inheritance variation , और पीढ़ी दर पीढ़ी लक्षणों की study की जाती है जिससे important Genetic symptoms का use करके modified जीव (Clones) , Hybride पौधे इत्यादि produce किये जाते है।
hybridization- Hybridization वह process होती हैं जिसमे किसी भी जीव के genes का use करके एक नए modified जीव को produce किया जाता है।
Genetic variation- किसी जीव के genome में विभिन्न DNA sequence जो किसी एक ही जीव की population में उत्पन्न होते है Genetic variation कहलाते है।
Mutation- किसी जीव में पाए जाने वाले Genetic material में किसी कारण से उत्पन्न changes Mutation कहलाते है।
heredity- Heridity को हम biological inheritance के रूप में भी जानते है जिसमे माता-पिता (Parents) से genetic symptoms उनकी संतानो में transfer होते है।
DNA Recombination- दो जीवो के DNA (genes) के Fusion (Mix) से एक नया DNA बनता है यह process, DNA Recombination कहते है।
Phenotype- किसी भी जीव के Genome के वह genes जो उसके physical appearence (Morphology) के लिए responsible होते है phenotype कहलाते है।
Genotype- किसी जीव के Genome के वे genes जो sexual characterstics के लिए responsible होते है Genotype कहलाते है।
Genome- प्रत्येक जीव के chromosomes में पाए जाने वाले सम्पूर्ण Genes या DNA sequences उस जीव का Genome कहलाते है।
Alleles :-
किसी भी जीव के Genes में पाए जाने वाले दो different DNA sequences, Alleles कहलाते है जो जो एक दूसरे से विपरीत (oposite) गुण दर्शाते हैं।
Useful Terminology of Genetics :-
Gene- Gene DNA से मिलकर बने होते है जिनमे Genetics से related information रहती है।hybridization- Hybridization वह process होती हैं जिसमे किसी भी जीव के genes का use करके एक नए modified जीव को produce किया जाता है।
Genetic variation- किसी जीव के genome में विभिन्न DNA sequence जो किसी एक ही जीव की population में उत्पन्न होते है Genetic variation कहलाते है।
Mutation- किसी जीव में पाए जाने वाले Genetic material में किसी कारण से उत्पन्न changes Mutation कहलाते है।
heredity- Heridity को हम biological inheritance के रूप में भी जानते है जिसमे माता-पिता (Parents) से genetic symptoms उनकी संतानो में transfer होते है।
DNA Recombination- दो जीवो के DNA (genes) के Fusion (Mix) से एक नया DNA बनता है यह process, DNA Recombination कहते है।
Phenotype- किसी भी जीव के Genome के वह genes जो उसके physical appearence (Morphology) के लिए responsible होते है phenotype कहलाते है।
Genotype- किसी जीव के Genome के वे genes जो sexual characterstics के लिए responsible होते है Genotype कहलाते है।
Genome- प्रत्येक जीव के chromosomes में पाए जाने वाले सम्पूर्ण Genes या DNA sequences उस जीव का Genome कहलाते है।
Alleles :-
किसी भी जीव के Genes में पाए जाने वाले दो different DNA sequences, Alleles कहलाते है जो जो एक दूसरे से विपरीत (oposite) गुण दर्शाते हैं।
History of Genetics :-
'Genetics' शब्द का use सर्वप्रथम 1905 में wiliumsan ने किया था। Genetics और इससे related Discoveries में Pythagoras, Hippocrates , Auristole, Epicurus, darwin, एवं अन्य scientists ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है morden Genetics की खोज या शुरुआत Gregor Johan Mendel ने की।
इन्होंने सन 1866 में मटर के पौधे पर अपने प्रयोग किए और Mendelian inheritance theory दी। Gregor Johan Mendel को Genetics का Father कहां जाता है।
सन 1900 में Hugo-Devries, carl correns, और Erichvon-Tschermark ने mendel के नियम को rediscover किया था।
यह एक लंबी process होती है जिसे निम्नलिखित subfields में डिवाइड किया गया है -
इसके अंतर्गत एक Genetic screening काuse करके एक जीव ( organism) के genome में gene की structure और functions को explain किया जाता है।
अलग अलग scientists ने molecular Genetic के field के लिए कई important discoveries की है।
जैसे कि सं 1969 में Arber और Linn ने E-Colli के restriction endonuclease का isolation कर Genetic Engineering की शुरुआत की है ठीक इसी प्रकार watson और crick ने D.N.A. की double stranded structure के बारे में बताया।
Molecular Genetics में मुख्य रूप से दो techniques का use किया जाता है -
इसमे उन genes को indentify किया जाता है जो किसी perticular micro-organism के phenotype के लिए responsible होते है अर्थात इसके द्वारा उन genes (D.N.A. ) की पहचान की जाती है।
जिसके कारण वह जीव एक विशेष आकार-आकृति ( Morphology) ग्रहण करता है
जैसेकि एक साँप की अलग morphology (आकृति) होती है। एक चूहे की अलग morphology होती है एक bird की अलग morpholgy होती है।
इस process में Genetic screenig की जाती है। जिसमे कुछ chemicals और radiations की help से random mutation generate किये जाते है।
इन chemicals और radiations को mutagenes कहा जाता है।
यह Molecular Genetics का ऐसा method है जिसका use किसी भी organism के एक gene के functioning को समझने के लिए किया जाता है। इसमें Genetic Engineering के द्वारा genes phenotype effects को समझ जाता है।
Reverse Genetics के द्वारा Genetic sequences का use करके एक phenotype को find किया जाता है।
Reverse Genetics का use मुख्य रूप vaccine synthesis में किया जाता है। इसके लिए आवश्यक phenotype बनाने के लिए Genetic sequences को utilize किया जाता है।
Reverse Genetics में Genetic (D.N.A.) sequence को utilize करने के लिए और उसे find करने के लिए कई several methods का use किया जाता है जो इस प्रकार है -
Epigenetics, Genetics का एक subdivision है जिसमे D.N.A. की strucutre को change किये बिना उसके expression को change या modify किया जाता है।
अर्थात इसमे किसी organism / creature के Genotype को change नही किया जाता बल्कि उसके phenotype को change किया जाता है। जिससे morphology (structure) में आवश्यकतानुसार changes किये जा सके।
अन्य शब्दो मे हम कह सकते है कि Epigenetics एक system को represnt करता है जिसमे Gene Expression ( phenotype) को Altered किया जाता है। परंतु उसके Geneome sequence में कोई चेंज नही किया जाता है।
यह Gene control का एक mechenism है- D.N.A. methylation और Histone modification इसी प्रकार के mechenism के example है।
इसे कुछ examples की help से समझा जा सकता है- जैसे mammalian cells में Fluoroquinolone नामक Antibiotic , iron chelation के द्वारा Epigenetic changes को induce (increase) करती है। यह alpha-ketolutarate के inhibition से Epigenetic effects को बढ़ाता है। इस process के लिए iron एक co-factor के रूप मे आवश्यक होता है।
Epigenetics का useForensic science में crime investigation में किया जाता है। इसके द्वारा किसी भी जीव में जन्म के बाद होने वाले changes को तो identify नही किया जा सकता है। परंतु forensic science field में Epigenetics का use non-heritable changes जैसेकि - againg और disease इत्यादि के लिए किया जाता है।
किसी व्यक्ति के genes का behaviar उसके D.N.A. sequence के अलावा कुछ Epigenetic factors भी effect करते है। जैसे- D.N.A. methylation, chromatin disease etc.
इसके अतिरिक्त Epigenetics का use medical field में भी किया जाता है।
जिसमे various pharmecological agents , Epigenetics के द्वारा pluripotent stem cells के production को बढ़ाया जा रहा है।
population Genetics के द्वारा यह समझा जाता है कि किसी species की population के gene alleles की frequencies और Genotype में time के साथ changes कैसे होते है और ये changes क्यों होते है?
इसे हम एक example की help से समझ सकते है। जैसेकि- किसी जंगल मे एक ही species के बहुत सारे जीव (like butterfly) रहते है। जिन्हें population कहा जा सकता है इन Butterfly की population में से कई butterflies में alternative genes present होते है जिसके कारण वह अन्य butterflies से अलग दिखाई देती है।
population Genetics में मुख्य रूप से चार process होती है -
अर्थात वह जीव अपने वंश ( species) को आगे बढ़ाने में सक्षम होते है और वह Reproduce कर जाते है। इन जीवों (orgaanism) में होने वाले ये changes लक्षणों के रूप में वे अपनी अगली पीढ़ी को देते है।
example- जैसे पहले जिराफ की गर्दन छोटी होती थी परंतु उँचे पेड़ो की पत्तियां खाने के लिए उन्होंने प्रयास किये जिससे उनमे change आने लगे और वह अपने यह लक्षण अगली पीढ़ी को देते गए जिससे उनकी गर्दन लंबी होती गयी।
ठीक इसी प्रकार से कुछ bacteria की species ने Antibiotics से resistasnce develop किया है।
इसे इस प्रकार से समझ सकते है कि एक mother जिसकी आंखे blue है और father जिसकी आंखे Brown है। अगर eyes के Blue colour ही main allele (gene) है तो सभी बच्चे Blue eyes वाले होंगे। चाहे फिर दोनों colour की eyes होने के chances 50-50% क्यों न हो।
Mutation कई कारणों से हो सकता है जिसमे से तीन कारण मुख्य होते है-
Gene Migration को दो parts में divide किया जा सकता है -
A. Horizontal gene transfer
B. Hybridization
Example- जसेसकी कुछ algae (शैवाल ) जो कि धान के पौधों की जड़ो में पाए जाते हैं जो nitrogen stabilization का कार्य करते है। जिससे धान की उर्वरता बढ़ जाती है।
scienttist ने Algae के इन गुणों को देखते हुए algae के DNA से इन गुणों को धान के पौधों के DNA के साथ combined करके धान की एक ऐसी नई variety / breed तैयार की जिसमे धान के पौधों को Exctra Nitrogen की आवश्यकता नही होती है।
ठीक इसी प्रकार के कुछ examples है जिन्हें Genetic Engineering के द्वारा प्राप्त किया है -
Genetic Engineering का use करके हुम् किसी भी जीव (organism) की नस्ल (breed या species) में सुधार किया जा सकता है। Genetic Engineering से different Genetic disease का treatment किया जाता है और साथ ही diffrent drugs को produce किया जाता है जो कि Enzymes बनते है।
इस process में technology के द्वारा Genes को transfer करके एक improved या Novel organism का निर्माण किया जाता है। इसमे दो जीवो के DNA का fusion (mix) करके एक नया DNA प्राप्त किया जाता है।
यह process DNA Recombination कहलाती है। इस नए DNA को एक host (organism) मे insert करके नये जीव (creature) को produce किया जाता है। जिसमे develpoed skills या charectersticks होती है।
पहला DNA recobination सन 1972 में Paul Berg ने किया था। जिसमे उन्होंने Monkey virus SV40 के साथ Lambda virus के Genetic material को mix (fusion) किया था।
Genetic Engineering में DNA के कुछ part को हटाकर उसमे कुछ और add किया जाता है।
सामान्य रूप से Genetic Engineering में एक GMO को preapare करने या बनाने की process निम्नलिखित दो steps में पूरी होती है-
इसके बाद अगली step में जीव के उस candidate Gene को Isolate किया जाता है। जिसमे एक किसी एक cell के Gene को open करके purified किया जाता है। फिर इस DNA को Restriction Enzymes की help से Fragments या PCR में seprate किया जाता है।
इन Fragments को Gel electrophoresis के द्वारा भी Extract किया जाता है। Gene Isolation के बाद उसे एक Bacteria के plasmid में insert करके ligated किया जाता है। यह bacterial plasmid divide होकर बहुत सारी Gene (DNA) copies prepare कर देता है।
अब इस Isolate करके copy किये गए Gene (DNA) में कुछ अन्य genetic elements add (combined) किये जाते और फिर इस Gene को target Organism में insert कर दिया जाता है।
कुछ bacteria ऐसे होते है जो किसी बाहरी (foreign) को ग्रहण (intake) कर लेते है। अन्य bacteria में यह Ability, Thermal या Electric shocks के द्वारा बढ़ाई (induced) जाती है। जिससे कि उनकी cell membrane की DNA के प्रति permeability बढ़ जाती है और यह outer DNA, Genome के integrate (Mix) कर जाता है।
या फिर Extra-chromosomal DNA के रूप में present रहता है।
एक Animal cell में DNA (Genome) को एक Microinjection के द्वारा insert (Enter) किया जाता है। इसमें DNA को nuclear envelope के द्वारा सीधा Nucleus में Insert किया जाता है। इसके लिए कुछ viral vectors का भी use किया जाता है।
जैसे ही इस Genetic material (DNA) से किसी taergeted organism की singal cell transformed होती है तो उस organism का इस singal cell के साथ Regeneration होने लगता है। plants में यह process tissue culture के द्वारा होती है।
Animals में यह important होता है कि Inserted DNA, Embryonic Stem cells में present होना चाहिए। bacteria में Regeneration की आवश्यकता नही होती क्योंकि वह unicellular होते है और आसानी से clone बना लेते है।
नए Genetic material को Targeted Organism के जीनोम में एक specific location पर या Randomly insert किया जा सकता है जो develop होकर एक नए organism का निर्माण करता है।
2. इसके अलावा Genetic Engineering का use Cancer treatment, Deffective Gene replacing, Somatic gene therapy, Different type genetic disorders, व Organ transplantation इत्यादि में किया जाता है।
3. Genetic Engineering, Research field में एक important Role play कर रहा है इसके द्वारा scientist , Transgenic Organism का निर्माण कर रहे है।
4. Genetic Engineering का सबसे सफल और अच्छा use Agriculture field में किया जा रहा है इससे विभिन्न प्रकार के Hybrid पौधे prepare किया जा रहे है जिनमे insects resistance और virus resistance जैसे गुण पाए जाते है।
5. Genetic engineering के द्वारा नई breed या किस्म के पौधे और नई species के जीवों का production किया जा रहा है।
History of Genetics |
इन्होंने सन 1866 में मटर के पौधे पर अपने प्रयोग किए और Mendelian inheritance theory दी। Gregor Johan Mendel को Genetics का Father कहां जाता है।
सन 1900 में Hugo-Devries, carl correns, और Erichvon-Tschermark ने mendel के नियम को rediscover किया था।
subfields of Genetics :-
Genetics के अंतर्गत जीवो के genetic material की study उनके लक्षणों के आधार पर की जाती है और Biotechnology की Help से उनके Genetic materials में modification किया जाता है।यह एक लंबी process होती है जिसे निम्नलिखित subfields में डिवाइड किया गया है -
- Molecular Genetics.
- Epigenetics.
- Population Genetics.
what is Molecular Genetics :-
यह Genetics का एक subdivision है जिसके अंतर्गत Genetic material (D.N.A. / R.N.A.) की molecular level पर study की जाती है।इसके अंतर्गत एक Genetic screening काuse करके एक जीव ( organism) के genome में gene की structure और functions को explain किया जाता है।
अलग अलग scientists ने molecular Genetic के field के लिए कई important discoveries की है।
जैसे कि सं 1969 में Arber और Linn ने E-Colli के restriction endonuclease का isolation कर Genetic Engineering की शुरुआत की है ठीक इसी प्रकार watson और crick ने D.N.A. की double stranded structure के बारे में बताया।
Molecular Genetics में मुख्य रूप से दो techniques का use किया जाता है -
1. Forward Genetics :-
Forward Genetic, molecular Genetics की एक technique है जिसका use Genetic Mutation को identify करने के लिए किया जाता है।इसमे उन genes को indentify किया जाता है जो किसी perticular micro-organism के phenotype के लिए responsible होते है अर्थात इसके द्वारा उन genes (D.N.A. ) की पहचान की जाती है।
जिसके कारण वह जीव एक विशेष आकार-आकृति ( Morphology) ग्रहण करता है
जैसेकि एक साँप की अलग morphology (आकृति) होती है। एक चूहे की अलग morphology होती है एक bird की अलग morpholgy होती है।
इस process में Genetic screenig की जाती है। जिसमे कुछ chemicals और radiations की help से random mutation generate किये जाते है।
इन chemicals और radiations को mutagenes कहा जाता है।
Forward and Reverse Genetics |
Reverse Genetics :-
यह Molecular Genetics का ऐसा method है जिसका use किसी भी organism के एक gene के functioning को समझने के लिए किया जाता है। इसमें Genetic Engineering के द्वारा genes phenotype effects को समझ जाता है।Reverse Genetics के द्वारा Genetic sequences का use करके एक phenotype को find किया जाता है।
Reverse Genetics का use मुख्य रूप vaccine synthesis में किया जाता है। इसके लिए आवश्यक phenotype बनाने के लिए Genetic sequences को utilize किया जाता है।
Reverse Genetics में Genetic (D.N.A.) sequence को utilize करने के लिए और उसे find करने के लिए कई several methods का use किया जाता है जो इस प्रकार है -
- Directed Deletion and point mutation
- Gene silencing
- Interference using Transgenes
what is Epigenetics :-
Heritable information को दो names से जाना जाता है -Genetics और Epigenetics ।Epigenetics, Genetics का एक subdivision है जिसमे D.N.A. की strucutre को change किये बिना उसके expression को change या modify किया जाता है।
अर्थात इसमे किसी organism / creature के Genotype को change नही किया जाता बल्कि उसके phenotype को change किया जाता है। जिससे morphology (structure) में आवश्यकतानुसार changes किये जा सके।
अन्य शब्दो मे हम कह सकते है कि Epigenetics एक system को represnt करता है जिसमे Gene Expression ( phenotype) को Altered किया जाता है। परंतु उसके Geneome sequence में कोई चेंज नही किया जाता है।
Epigenetics (DNA mythelation) |
यह Gene control का एक mechenism है- D.N.A. methylation और Histone modification इसी प्रकार के mechenism के example है।
इसे कुछ examples की help से समझा जा सकता है- जैसे mammalian cells में Fluoroquinolone नामक Antibiotic , iron chelation के द्वारा Epigenetic changes को induce (increase) करती है। यह alpha-ketolutarate के inhibition से Epigenetic effects को बढ़ाता है। इस process के लिए iron एक co-factor के रूप मे आवश्यक होता है।
Epigenetics का useForensic science में crime investigation में किया जाता है। इसके द्वारा किसी भी जीव में जन्म के बाद होने वाले changes को तो identify नही किया जा सकता है। परंतु forensic science field में Epigenetics का use non-heritable changes जैसेकि - againg और disease इत्यादि के लिए किया जाता है।
किसी व्यक्ति के genes का behaviar उसके D.N.A. sequence के अलावा कुछ Epigenetic factors भी effect करते है। जैसे- D.N.A. methylation, chromatin disease etc.
इसके अतिरिक्त Epigenetics का use medical field में भी किया जाता है।
जिसमे various pharmecological agents , Epigenetics के द्वारा pluripotent stem cells के production को बढ़ाया जा रहा है।
what is population Genetics :-
population Genetics, Genetics की ही एक subfield है। जिसके अंतर्गत different जीवों की populations के बीच मे Genetic Difference (Gene variation) का पता लगाया जाता है। यह Evolutionary biology का एक part हैं।population Genetics के द्वारा यह समझा जाता है कि किसी species की population के gene alleles की frequencies और Genotype में time के साथ changes कैसे होते है और ये changes क्यों होते है?
इसे हम एक example की help से समझ सकते है। जैसेकि- किसी जंगल मे एक ही species के बहुत सारे जीव (like butterfly) रहते है। जिन्हें population कहा जा सकता है इन Butterfly की population में से कई butterflies में alternative genes present होते है जिसके कारण वह अन्य butterflies से अलग दिखाई देती है।
population Genetics में मुख्य रूप से चार process होती है -
- 1. Natural selection
- 2. Genetic Drift
- 3. Mutation
- 4. Gene flow
1. Natural selection :-
Natural selection हमारे Evolution या Development का एक Central concept है। Natural selection वह process है जिसमे वे जीव (organism) Nature या Environment के according change हो जाते है वे survive कर जाते है।अर्थात वह जीव अपने वंश ( species) को आगे बढ़ाने में सक्षम होते है और वह Reproduce कर जाते है। इन जीवों (orgaanism) में होने वाले ये changes लक्षणों के रूप में वे अपनी अगली पीढ़ी को देते है।
example- जैसे पहले जिराफ की गर्दन छोटी होती थी परंतु उँचे पेड़ो की पत्तियां खाने के लिए उन्होंने प्रयास किये जिससे उनमे change आने लगे और वह अपने यह लक्षण अगली पीढ़ी को देते गए जिससे उनकी गर्दन लंबी होती गयी।
ठीक इसी प्रकार से कुछ bacteria की species ने Antibiotics से resistasnce develop किया है।
Population Genetics steps |
2. Genetic Drifft :-
किसी भी जीव (organism) में किसी भी कारण से Genotype में आने वाला change या Difference, Genetic Drifft कहलाता है। यह Biological population पर Random effect डालता है।इसे इस प्रकार से समझ सकते है कि एक mother जिसकी आंखे blue है और father जिसकी आंखे Brown है। अगर eyes के Blue colour ही main allele (gene) है तो सभी बच्चे Blue eyes वाले होंगे। चाहे फिर दोनों colour की eyes होने के chances 50-50% क्यों न हो।
3. Mutation :-
किसी भी जीव (organism) के Genetic material (DNA) में होने वाला change, Mutation कहलाता है। इस process में DNA या DNA को ले जाने वाले Chromosomes में changes आते है और इनका DNA sequence change हो जाता है।Mutation |
Mutation कई कारणों से हो सकता है जिसमे से तीन कारण मुख्य होते है-
- Division errors
- Radiational Damaged
- chemicals
4. Genetic Flow :-
इसे Gene Migration या Genetic variation भी कहते है। इसमें population की एक पीढ़ी से alleles या genes दूसरी पीढ़ी में transfer हो जाते है। Gene Flow या Gene Migration के कारणों से प्रभावित होता है जैसे- habitats, mobility, population size etc.Gene Migration को दो parts में divide किया जा सकता है -
A. Horizontal gene transfer
B. Hybridization
what is Genetics Engineering :-
Genetic Engineering, Genetics की ही एक branch है। जिसमे biotechnology की help से किसी भी जीव (organism) के genetic material (DNA) को modify किया जाता है। Genetic Engineering के द्वारा किसी भी जीव में आवश्यकतानुसार लक्षणों को develop किया जाता है।Genetic Engineering |
Example- जसेसकी कुछ algae (शैवाल ) जो कि धान के पौधों की जड़ो में पाए जाते हैं जो nitrogen stabilization का कार्य करते है। जिससे धान की उर्वरता बढ़ जाती है।
scienttist ने Algae के इन गुणों को देखते हुए algae के DNA से इन गुणों को धान के पौधों के DNA के साथ combined करके धान की एक ऐसी नई variety / breed तैयार की जिसमे धान के पौधों को Exctra Nitrogen की आवश्यकता नही होती है।
ठीक इसी प्रकार के कुछ examples है जिन्हें Genetic Engineering के द्वारा प्राप्त किया है -
- 1. soyabeans में Hebricide tolerence.
- 2. Corn के पौधों में insect resistance.
- 3. plum में virus resitance etc.
Genetic Engineering का use करके हुम् किसी भी जीव (organism) की नस्ल (breed या species) में सुधार किया जा सकता है। Genetic Engineering से different Genetic disease का treatment किया जाता है और साथ ही diffrent drugs को produce किया जाता है जो कि Enzymes बनते है।
Gm plant process |
यह process DNA Recombination कहलाती है। इस नए DNA को एक host (organism) मे insert करके नये जीव (creature) को produce किया जाता है। जिसमे develpoed skills या charectersticks होती है।
पहला DNA recobination सन 1972 में Paul Berg ने किया था। जिसमे उन्होंने Monkey virus SV40 के साथ Lambda virus के Genetic material को mix (fusion) किया था।
Genetic Engineering में DNA के कुछ part को हटाकर उसमे कुछ और add किया जाता है।
procedure of GMO preparation :-
Genetic Engineering से उत्पन्न जीवो को Genetically Modified Organism (GMO) कहा जाता है। पहला GM Animal सन 1947 में Mouse में foregin (Outer) DNA insert करके create किया गया था।Cloning process |
- 1. Gene Isolation and Cloning
- 2. DNA inserting into the host Genome
1. Gene Isolation and Cloning :-
GMO बनाने के लिए एक लंबी chain में process होती है। जिसमे सबसे पहले किसी जीव से उस Gene को select किया जाता है। जिसको transfer करना होता है।इसके बाद अगली step में जीव के उस candidate Gene को Isolate किया जाता है। जिसमे एक किसी एक cell के Gene को open करके purified किया जाता है। फिर इस DNA को Restriction Enzymes की help से Fragments या PCR में seprate किया जाता है।
इन Fragments को Gel electrophoresis के द्वारा भी Extract किया जाता है। Gene Isolation के बाद उसे एक Bacteria के plasmid में insert करके ligated किया जाता है। यह bacterial plasmid divide होकर बहुत सारी Gene (DNA) copies prepare कर देता है।
DNA Recombination |
अब इस Isolate करके copy किये गए Gene (DNA) में कुछ अन्य genetic elements add (combined) किये जाते और फिर इस Gene को target Organism में insert कर दिया जाता है।
2. DNA inserting into the host Genome :-
किसी Host organism के Genome में Genetic material को Insert करने के लिए के techniques का use किया जाता है।कुछ bacteria ऐसे होते है जो किसी बाहरी (foreign) को ग्रहण (intake) कर लेते है। अन्य bacteria में यह Ability, Thermal या Electric shocks के द्वारा बढ़ाई (induced) जाती है। जिससे कि उनकी cell membrane की DNA के प्रति permeability बढ़ जाती है और यह outer DNA, Genome के integrate (Mix) कर जाता है।
या फिर Extra-chromosomal DNA के रूप में present रहता है।
एक Animal cell में DNA (Genome) को एक Microinjection के द्वारा insert (Enter) किया जाता है। इसमें DNA को nuclear envelope के द्वारा सीधा Nucleus में Insert किया जाता है। इसके लिए कुछ viral vectors का भी use किया जाता है।
जैसे ही इस Genetic material (DNA) से किसी taergeted organism की singal cell transformed होती है तो उस organism का इस singal cell के साथ Regeneration होने लगता है। plants में यह process tissue culture के द्वारा होती है।
Animals में यह important होता है कि Inserted DNA, Embryonic Stem cells में present होना चाहिए। bacteria में Regeneration की आवश्यकता नही होती क्योंकि वह unicellular होते है और आसानी से clone बना लेते है।
नए Genetic material को Targeted Organism के जीनोम में एक specific location पर या Randomly insert किया जा सकता है जो develop होकर एक नए organism का निर्माण करता है।
use of Genetic Engineering :-
1. Genetic Engineering का अधिकतर use medical field में किया जाता है। Different type के drugs, vaccines, Gene therapy, और Hormones production इत्यादि में इसका use किया जाता है।2. इसके अलावा Genetic Engineering का use Cancer treatment, Deffective Gene replacing, Somatic gene therapy, Different type genetic disorders, व Organ transplantation इत्यादि में किया जाता है।
Hybridization |
4. Genetic Engineering का सबसे सफल और अच्छा use Agriculture field में किया जा रहा है इससे विभिन्न प्रकार के Hybrid पौधे prepare किया जा रहे है जिनमे insects resistance और virus resistance जैसे गुण पाए जाते है।
5. Genetic engineering के द्वारा नई breed या किस्म के पौधे और नई species के जीवों का production किया जा रहा है।
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