Anatomical terminology body regions
शरीर रचना विज्ञान (Human Anatomy) को समझने के लिए शरीर रचना वैज्ञानिको एक विशेष प्रकार की शब्दावली का विकास किया जिसके द्वारा शरीर रचना विज्ञान (Human Anatomy) को समझने के लिए इस शब्दावली को जानना बहुत जरूरी होता है।
Anatomical directions of human body |
इसके द्वारा ही हम के शरीर की विभिन्न अंगों (Organs) की स्थिति (Position) को जान सकते हैं। Anatomical terminology एक प्रकार की भाषा है जो शरीर रचना विज्ञान (Human Anatomy) को समझने के लिए बहुत ही आवश्यक होती है। इसमें शरीर(body) के अंगों(Organs) की स्थिति (Position) को समझाने के लिए विशेष प्रकार के शब्दों का प्रयोग किया जाता है।
संरचनात्मक स्थिति (Anatomical position of human body in hindi)
शरीर(body) के सभी विशिष्ट अंगों(organs) की स्थिति को समझने एवं समझाने के लिए एनाटॉमी के विशेषज्ञों ने एनाटॉमिकल पोजिशन को परिभाषित किया है जिसके द्वारा शरीर के अंगों(Organs) की आपस में स्थिति को समझा जा सकता है।
इसमें शरीर(body) सीधी खड़ी स्थिति में रहता है तथा चेहरा सामने की ओर देखता हुआ, पैर आपस में मिले हुए, तथा हाथ (arms) धड़(Torso) के दोनों तरफ लटके हुए एवं हथेलियाँ सामने की ओर रहती हैं। सामान्य तथा अकेली रचना(structure) या अकेले अंग(Organ) की आपेक्षिक स्थिति को जानने करने के लिए आगे लिखे हुए शब्दों का प्रयोग किया जाता है।
सुपीरियर (Superior) या क्रेनियल (Cranial)
इस शब्द का उपयोग तब किया जाता है जब किसी ऑर्गन को निचे से ऊपर सिर की ओर की पोजीशन बताना होता है जैसे पैर(leg) पंजे (foot) से ऊपर (सुपीरियर) स्थित होता है। ऐसे ही हमारा सिर हमारी गर्दन से सुपीरियर होता है और हमारी जांग घुटने से सुपीरियर होती है।
इन्फीरियर (Inferior) या कॉडल (Caudal)
इस शब्द का उपयोग तब किया जाता है जब किसी ऑर्गन को ऊपर से नीचे पैरो की ओर की ओर की पोजीशन बताना होता है। टेल रीजन जैसे पंजा (foot) पैर से नीचे (इन्फीरियर) स्थित होता है। ऐसे ही घुटना जांग से इन्फीरियर होता है गर्दन, सिर से इन्फीरियर होती है।
एन्टीरियर (Anterior) या वेन्ट्रल (Ventral)
एन्टीरियर (Anterior) या वेन्ट्रल (Ventral) शब्द का उपयोग तब किया जाता है जब किसी ऑर्गन शरीर के सामने की ओर होता है जैसे नाक कानों के अग्रवर्ती (एन्टीरियर) स्थित होती है। ऐसे ही हमारी आंखे कानो के एंटीरियर होती है।
पोस्टीरियर (Posterior) या डॉर्सल (Dorsal)
पोस्टीरियर (Posterior) या डॉर्सल (Dorsal) शब्द का उपयोग तब किया जाता है जब किसी ऑर्गन शरीर की पीठ की ओर होता है, जैसे कान नाक के पोस्टीरियर स्थित होते हैं। इसी तरह हम कह सकते है की हमारे कान आँखों के पोस्टीरियर होते है।
मीडियल (Medial)
मीडियल (Medial) शब्द का उपयोग तब किया जाता है जब कोई बॉडी ऑर्गन शरीर की मध्यरेखा (midline) की ओर प्रजेंट रहता है जैसे नाक आँखों के मीडियल होती है।कुछ इस तरह ही हमरी आँखे भी कानो के मीडियल होती है।
लेटरल (Lateral)
लेटरल (Lateral) शब्द का उपयोग तब किया जाता है जब कोई बॉडी ऑर्गन शरीर की मध्यरेखा से दूर प्रजेंट रहता है जैसे- आँखें नाक से लेटरल होती हैं। ठीक इसी प्रकार से हमारे कान आँखों से लेटरल होते है।
प्रोविज़मल (Proximal)
जब कोई बॉडी ऑर्गन शरीर के धड़ के पास (समीप) होता है तब उसके लिए प्रोविज़मल (Proximal) शब्द का उपयोग करते है। किसी भुजा का शरीर से संलग्न सिरा जैसे कन्धा (shoulder) कलाई से प्रोक्ज़िमल होता है। ठीक इसी तरह से हमारे हाथ की कलाई हमारी उंगलियों से प्रोक्सिमल होती है।
forem या (Distal)
distial शब्द का उपयोग तब किया जाता है जब कोई बॉडी ऑर्गन शरीर के धड़ से दूर की और प्रजेंट रहता है अथवा किसी भुजा का संलग्न सिरा जैसे कलाई अग्रबाहु (forearm) के डिस्टल होती है। इसी तरह से हम कह सकते है की हमारी उंगलिया कलाई से डिस्टल होती है।
एक्सटरनल (External) या सुपरफिशियल (Superficial)
एक्सटरनल (External) या सुपरफिशियल (Superficial) शब्द का उपयोग तब करते है जब कोई ऑर्गन शरीर की सतह (surface) के पास होता है जैसे पसलियाँ (ribs) हृदय(heart) से अधिक सुपरफिशियल होती हैं। इन्टरनल (Intemal) या डीप (Deep) शरीर के सतह से दूर या अन्दर जैसे पसलियों से डीपर होता है।
सेन्ट्रल (Central)
जब कोई बॉडी ऑर्गन शरीर के केन्द्र की ओर होता है तो उसे सेन्ट्रल (Central)कहा जाता है। इस शब्द का उपयोग सेण्टर के ऑर्गन्स के लिए किया जाता है।
पेरिफेरल (Peripheral)
पेरिफेरल (Peripheral) शब्द का उपयोग शरीर के केन्द्रीय अक्ष (central axis) से दूर प्रजेंट ऑर्गन्स के लिए करते है जैसे परिसरीय तन्त्रिकाएँ (peripheral nerves) मस्तिष्क(brain) एवं सुषुम्ना रज्जु (spinal cord)से निकलकर दूर तक फैलती हैं।
प्लान्टर (Plantar)
प्लान्टर (Plantar) शब्द का उपयोग शरीर के निचली सतह (under surface of the foot) में उपस्थित ऑर्गन के लिए करते है। जैसे की हमारे पैर के तलवे फुट से न्टर (Plantar) होते है।
पैराइटल (Parietal)
पैराइटल (Parietal)शब्द के द्वारा किसी शरीर गुहा (body cavity) की भित्तियों (membranes) अथवा किसी गुहा की भित्तियों को ढकने वाली कलाओं (lining membrane) का उल्लेख किया जाता है ।
विसरल (Visceral)
विसरल (Visceral) शब्द के द्वारा किसी अंतरांग, किसी गुहा (जैसे उदरीय गुहा), अथवा अंतरांग को आच्छादित करने वाली कला का उल्लेख किया जाता है ।
उदाहरण के तौर पर, जब हम Anatomical term/ language में सिर(head) की स्थिति(position) को बताएगें तो हम कहेंगे कि सिर(head) गर्दन(Neck) के सुपीरियर है न कि सिर गर्दन के ऊपर है। एनाटॉमी में ये शब्द जोड़ों(Pairs) में प्रयोग किए जाते हैं।
यदि एक शब्द ऊपर की ओर की पोजीशन बताता है तो दूसरा नीचे की पोजीशन बतायेगा । यदि जाँघ(thigh) घुटने(knee) से सुपीरियर (ऊपर) है, तो घुटने(knee), जाँघ(thigh) के इन्फीरियर (नीचे) होते हैं।
anatomical body position |
एन्टीरियर(anterior) शब्द शरीर(body) की सतह(surface) के सामने तथा पोस्टीरियर(posterior) शब्द पीछे (पीठ की ओर) के लिए प्रयोग किया जाता है। एन्टीरियर(anterior) एवं पोस्टीरियर(posterior) शब्दों के पर्यायवाची शब्द क्रमश: वेन्ट्रल (ventral) एवं डॉर्सल (dorsal) हैं।
इन्हें शरीर के आन्तरिक अंगों(internal organs) के लिए प्रयोग किया जाता है। जैसे हृदय(heart), स्टर्नम(sternum) के डॉर्सल (पीछे स्थित) होता है तथा स्टर्नम(sternum) की डॉर्सल सतह(surface) हृदय(heart) की वेन्ट्रल होती है।
मीडियल(medial) शब्द शरीर(body) की या किसी भाग(part) की काल्पनिक मध्यरेखा(mid-line) के पास तथा लेटरल शब्द मध्यरेखा(mid-line) से दूर के लिए प्रयोग किया जाता है, जैसे नाक(nose) आँखों(eyes) के मीडियल तथा आँखें नाक के लेटरल होती हैं। प्रोक्ज़िमल तथा डिस्टल शब्द प्रायः शरीर(body) की भुजाओं (arms), जैसे बाँहे, पैर तथा अंगुलियों(fingers) के लिए प्रयोग होते हैं।
प्रोक्ज़िमल शब्द शरीर के धड़ के समीपस्थ (भुजा के जुड़े हुए सिरे की ओर), तथा डिस्टल शब्द धड़ से दूरस्थ (भुजा के जुड़े हुए सिरे से दूर) सम्बन्ध बताने के लिए प्रयुक्त किया जाता है। उदाहरण के लिए कन्धा कलाई के प्रोक्ज़िमल, तथा कलाई अग्रबाहु के डिस्टल हैं।
सुपरफीशियल शब्द का अर्थ है शरीर की सतह के पास (superior) तथा डीप(deep) शब्द का अर्थ है सतह से दूर (गहराई में स्थित)। एक्सटरनल (external) शब्द का अर्थ है बाहर (outer) एवं इन्टरनल (internal) का अन्दर (inside) एक्सटरनल एवं इन्टरनल शब्द सुपरफीशियल एवं डीप शब्दों के सामान नहीं हैं। ये खोखली रचनाओं में अन्य रचनाओं के सम्बन्ध को बताते हैं।
सामान्यतः ये शब्द सिर(head), वक्ष(thorax) एवं उदर(abdomen) तथा अन्य अन्तरागों(internal organs) की भित्तियों(layers) के लिए प्रयोग किए जाते हैं। उदाहरण के लिए, पसलियों(ribs) का जो पार्श्व (side) वक्ष गुहा की ओर होता है, वह इन्टरनल सर्फेस यानि आभ्यन्तर तल तथा जो पार्श्व वक्ष-गुहा से दूर, बाहर की ओर होता है वह एक्सटरनल सर्फेस यानि बाह्य तल कहलाता है।
पाद के तलवे को प्लान्टर तल तथा पाद के ऊपरी तल (upper surface) को डॉर्सल तल कहा जाता है। हाथ की हथेलियों को पामर (करतल) तथा हाथ के पश्चवर्ती तल को डॉर्सल (पृष्ठीय) तल कहा जाता है।
शरीर के क्षेत्र (Body regions)
शरीर के सामान्य क्षेत्रों(Normal Body regions) के बारे में बताने के लिए शरीर को एनाटॉमिकल पॉजीशन में रखकर, अक्षीय (axial) एवं उपांगीय (appendicular parts) भागों में विभाजित किया जाता है।
अक्षीय भाग(axial part) में सिर (head), गर्दन (neck), वक्ष (thorax), उदर (stomach) एवं श्रोणि (pelvis) तथा उपांगीय भाग (appendicular parts) के अंतर्गत ऊवांग-कन्धे(upper-shoulder), बाहु(arm), अग्रबाहु(Forearm), कलाई(wrist) एवं हाथ(hand) तथा निम्नांग-कूल्हे(lower-hip), जाँघ(thigh), टाँगे(leg), टखने(Ankle) तथा पैर (foot) इत्यादि आते हैं।
anatomical region of human body |
Anatomy Physiology के नियमानुसार, उदर-क्षेत्र (abdominal region) दो क्षैतिज (horizontal) एवं दो अनुलम्ब (vertical) रेखाओं द्वारा काल्पनिक रूप से 9 भागों(part) में विभाजित रहता है चित्र 3.3 उदर क्षेत्र (Abdominal regions)
- दायाँ अधपशुकीय प्रदेश (right hypochondriac region)
- अधिजठरीय प्रदेश (epigastric region),
- बाँया अधपशुकीय प्रदेश (left hypochondriac region)
- दायाँ कटि प्रदेश (right lumbar region),
- नाभि प्रदेश (umbilical region),
- बायाँ कटि प्रदेश (left lumbar region),
- दायाँ श्रोणिफलकीय प्रदेश (right Iliac region)
- अधोजठरीय प्रदेश (hypogastric region),
- बायाँ श्रोणिफलकीय प्रदेश (left Iliac region)
ऊपर की क्षैतिज रेखा(horizontal line) स्टर्नम के जीफॉयड प्रवर्ध (Giphoid amplification)और नाभि (Navel) के मध्य से होकर गुजरती है तथा नीचे की क्षैतिज रेखा (horizontal line) दोनों इलियक अस्थियों(Iliac bones) की शिखाओं (crests) पर एन्टीरियर सुपीरियर इलियक स्पाइन (Anterior superior iliac spine) से लगभग 2 इंच पीछे ट्यूबरकिल्स (Tubercles) के स्तर(level) पर स्थित होती है।
अनुलम्ब रेखाएँ(Vertical lines) दोनों ओर एन्टीरियर सुपीरियर इलियक स्पाइन(Anterior superior iliac spine) एवं सिम्फाइसिस प्यूबिस(Symphysis pubis) के मध्य खींची गयी रेखाएँ होती हैं।
इससे उदर में प्रजेंट रचनाओं(structure) एवं अंगों(organs) की स्थितियों(position) का ठीक से पता चल जाता है और उदरीय अंगों(abdominal organs) का वर्णन उनकी विभाजनों में स्थिति के अनुसार किया जाता है।
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जवाब देंहटाएंthat very good
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