मानव शरीर की संरचना और बॉडी सिस्टम्स इन हिंदी
हमारे शरीर में अलग अलग प्रकार के अंग पाए जाते है जो आपस में मिलकर एक साथ कई प्रकार के कार्यो को करते है , जिन्हे सामूहिक रूप से सिस्टम (system) कहते हैं, जैसेकि रेस्पिरेटरी सिस्टम (respiratory system) में अनेकों अंग (organs) होते हैं, जो शरीर में बाहर से शुध्द हवा को अंदर लेता है और शरीर के अंदर की अशुध्द हवा को बाहर छोड़ने का काम करता है यह आदान प्रदान (mechanically) विधि से होता है।
डायजेस्टिव सिस्टम(digestive system) के सभी अंग एक साथ मिलकर हमारे द्वारा खाये गए खाने को सरल पदार्थों में बदल कर देते हैं,जिससे की सभी आवश्यक तत्व शरीर में आसानी से अवशोषित कर लिए जाते हैं।
शरीर के समस्त सिस्टम (systems) विशिष्ट(special) होते हैं तथा उनके कार्य मानव शरीर(human body) की वृध्दि के लिए और अन्य कार्यो को करने के लिए बहुत ही जरुरी होते है ।
मानव शरीर की संरचना और बॉडी सिस्टम्स इन हिंदी |
एक अकेला सिस्टम हमारी बॉडी में कार्य नहीं कर सकता है वल्कि सभी सिस्टम एक साथ मिलकर एक दूसरे के साथ कार्य करते है । प्रत्येक संस्थान(systems) के अंग(organ) अपने कार्यों को करने के लिए आपस में जुड़े रहते है।
विभिन्न सिस्टम(system) एक साथ आपस में मिलकर मानव शरीर की रचना करते हैं, हमारे शरीर में लगभग सिस्टम पाए जाते है जिनमे कई प्रकार के ऑर्गन्स होते है जो शरीर की अलग-अलग कामो के लिए जरुरी होते है मानव शरीर की संरचना और बॉडी सिस्टम्स इन हिंदी को कुछ इस प्रकार से समझ सकते है-
हमारी बॉडी में कितने प्रकार के सिस्टम्स होते है ???
हमारी बॉडी में कुल 11 सिस्टम्स होते है जो की हमरी बॉडी के अलग अलग कामो को करते है। मानव शरीर की संरचना और बॉडी सिस्टम्स इन हिंदी के 11 सिस्टम्स आसानी से समझा जा सकता है -
1. इन्टेगुमेंटरी सिस्टम इन हिंदी ( Integumentary System in hindi )-
यह सिस्टम त्वचा(skin), बाल(hair), नाखून(nails), पसीना(sweat) एवं तैलीय ग्रन्थियों(sebaceous gland) इन सब से मिलकर बना रहता है। यह सिस्टम शरीर के अन्तरांगों (internal organs) को ढके रहता है तथा उनकी बाहरी वातावरण से रक्षा करता है।
यह सिस्टम स्वेट ग्लैंड और तैलीय ग्रन्थियों(sebaceous gland) के द्वारा शरीर के तापमान(temperature) को कण्ट्रोल करता है। इसमें संवेदी ग्राही (sensory receptors) भी प्रजेंट रहते हैं जो उद्दीपनों (stimuli) को ग्रहण करके उनको संचारित(Transmitted) करते हैं।
2. स्केलेटल सिस्टम इन हिंदी ( Skeletal System in hindi)—
यह सिस्टम में हड्डियों(bones) एवं उपास्थियों (cartilages) से मिलकर बना होता है। यह हमारे शरीर(body) को सहारा देता है, उसे अलग आकार प्रदान करता है तथा शरीर के अंगों (organs) को बाहरी चोटों से बचाने का कार्य करता है।
कंकालीय पेशियों (skeletal muscles) एवं तन्त्रिका सिस्टम(nervous system) की मदद से जोड़ों(joints) में गति (movement) होती है। इसके अतिरिक्त यह सिस्टम ब्लड सेल्स (blood cells) का निर्माण(formation) करता है।
3. मस्कुलर सिस्टम इन हिंदी (Muscular System in hindi)-
हमारे शरीर(body) का सम्पूर्ण अस्थि-संस्थान(Skeletal System) पेशियों(muscles) के द्वारा ढ़का हुआ रहता है , जिसे सामूहिक रूप से पेशीय संस्थान(Muscular System) कहा जाता है। इसी सिस्टम के कारण हमारी पूरी बॉडी हमेशा एक्टिव बनी रहती है और मूवमेंट करती रहती है।
अस्थि(Skeletal) एवं पेशीय संस्थान(Muscular System) को एक साथ मिलाकर कभी-कभी गति संस्थान (locomotar system) भी कहते हैं। यह शरीर में गर्मी उत्पन्न करता है तथा शरीर के अंगों(organs) को गतिशील बनाये रखता है।
इस सिस्टम में तीन अलग-अलग तरह की पेशियाँ-कंकालीय (skeletal), चिकनी (smooth), तथा हृदयी (cardiac) पेशियाँ(muscles) पायी जाती है। इनके अतिरिक्त इसमें टेण्डन (tendons) एवं लिंगमेंट्स (ligaments) का भी पाए जाते है जो पेशियों(muscles) को अस्थियों(bones) से जोड़ती हैं।
4. नर्वस सिस्टम इन हिंदी (Nervous System in hindi)-
नर्वस सिस्टम सम्पूर्ण शरीर की अधिकांश क्रियाओं को नियमित(regulate) एवं नियन्त्रित(control) करता है। शरीर के अलग अलग पार्ट्स के संवेदी अंगों(sensory organs) से संदेश प्राप्त करता है तथा इनका विश्लेषण(analyse) करता है एवं उन अंगो की मसल्स में मूवमेंट शुरू हो जाता है।
इस सिस्टम को केन्द्रीय तन्त्रिका-तन्त्र (central nervous system) तथा परिसरीय तन्त्रिका-तन्त्र (peripheral nervous system) दो भाग में बाँटा गया है। सेंट्रल नर्वस सिस्टम मस्तिष्क(brain) एवं सुषुम्ना- रज्जु (spinal cord) से मिलकर बना होता है तथा पेरीफेरल नर्वस सिस्टम मस्तिष्क(brain) से निकलने वाली 12 जोड़ी क्रेनियल नर्व्स (cranial nerves) एवं स्पाइनल कॉर्ड से निकलने वाली 31 जोडी स्पाइनल नर्व्स (spinal nerves) से मिलकर बना होता है।
all body systems in hindi image |
इनके अतिरिक्त एक अनैच्छिक तन्त्रिका-तन्त्र (autonomic nervous system) भी होता है, जो नर्वस सिस्टम का अनैच्छिक(Involuntary) भाग होता है।
यह शरीर में अपने आप होने वाली क्रियाओं जैसे दिल धड़कने, पाचक नली की ग्रन्थियों के स्रावों आदि को नियन्त्रित(control) करता है। इसमें अनुकम्पी (sympathetic) एवं परानुकम्पी (parasympa- thetic) दो प्रकार की तन्त्रिकाएँ होती हैं।
5. एंडोक्राइन सिस्टम इन हिंदी (Endocrine System in hindi)-
यह शरीर का एक मेन सिस्टम है, जो नर्वस सिस्टम के साथ मिलकर शरीर में होने वाली विभिन्न क्रियाओ को रेगुलेट(regulate) करता है।
इसमें बिना डक्ट की(ductless) या अतस्रावी ग्रन्थियाँ (endocrine glands)-पीयूष ग्रन्थि (pituitary gland), अवटु ग्रन्थि (thyroid gland), परावटु ग्रन्थियाँ (parathyroid glands), अधिवृक्क ग्रन्थियाँ (adrenal glands), अग्न्याशय के लैंगरहैन्स की द्वीपिकाएँ (islets of Langerhans of the pancreas), जनन ग्रन्थियाँ (gonads) पुरुषों में शुक्रग्रन्थियाँ (testes) तथा स्त्रियों में डिम्बग्रन्थियाँ (ovaries) होती हैं।
इन ग्रन्थियों में बनने वाले रसों को हॉर्मोन्स(hormones) कहते हैं, जो इन से निकलकर सीधे रक्त(blood) में पहुँच जाते हैं और ब्लड (blood) के साथ घूमते हुए शरीर के उस अंग(organ) में पहुँच जाते हैं, जहाँ इनकि जरुरत होती है।
6. सर्कुलेटरी सिस्टम इन हिंदी (Circulatory System in hindi)—
सर्कुलेटरी सिस्टम शरीर(body) का ट्रांसपोर्ट सिस्टम होता है तथा शरीर के प्रत्येक अंग(organ) का पोषण(nutrition) देता है। यह सिस्टम हमारे हार्ट(heart), ब्लड(blood) और ब्लड वेसल्स(blood vessels) से मिलकर बना होता है।
हार्ट इस सिस्टम का मेन ऑर्गन होता है जो ब्लड को पम्पिंग के द्वारा ब्लड वेसल्स(blood vessels) से पुरे शरीर के उतकों(tissues) में पहुँचता है। ब्लड(blood), एक अंग(organ) से दूसरे अंग(organ) तक आहार(food), ऑक्सीजन(O2), वर्व्य-पदार्थ(waste material) एवं अन्य आवश्यक पदार्थों को लाने और ले जाने का काम करता है।
रक्तवाहिकाएँ(blood vessels) दो प्रकार की होती हैं धमनियाँ (arteries) जो हृदय से ऊतकों तक शुद्ध रक्त (with oxygen) ले जाती हैं, और शिराएँ (veins) जो अशुद्ध (without oxygen) रक्त को ऊतकों से हृदय तक लाती हैं।
7. लिम्फेटिक सिस्टम इन हिंदी (Lymphatic System in hindi)-
इस सिस्टम के अन्तर्गत लसीका (lymph), लसीका वाहिनियाँ (lymph vessels) एवं लसीका पर्व (lymph nodes) तथा अन्य लसीका ऊतक प्लीहा (spleen), टॉन्सिल्स(tonsils) एवं थाइमस ग्रन्थि(thymus gland) आते हैं। यह सिस्टम भी ब्लड सर्कुलेटरी सिस्टम की तरह ही होता है तथा दोनों का आपस में घनिष्ठ सम्बन्ध होता है। लिम्फेटिक सिस्टम, इम्यून सिस्टम (immune system) का एक भाग है।
8. रेस्पिरेटरी सिस्टम इन हिंदी (Respiratory System)—
रेस्पिरेटरी सिस्टम शरीर(body) एवं वायुमण्डल के बीच ऑक्सीजन(oxygen) एवं कार्बन डाइऑक्साइड(co2) गैसों का आदान प्रदान करता है। यह सिस्टम नासिका (nose), नासिका-गुहा (nasal cavity), ग्रसनी (pharynx), स्वरयन्त्र (larynx), श्वास-प्रणाल (trachea), श्वास नलियाँ (bronchus), श्वास नलिकाएँ (bronchioles), फेफड़े (lungs), फुफ्फुसावरण (pleurae), अन्तरापर्युकी पेशियाँ (intercostal muscles) तथा डायाफ्राम (diaphragm) का इन सब से मिलकर बना होता है।
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9. डायजेस्टिव सिस्टम इन हिंदी (Digestive System in hindi)-
यह सिस्टम हमारे द्वारा खाये गए भोजन के पाचन(digestion) और अवशोषण(absorption) तथा वेस्ट मटेरियल के उत्सर्जन (excretion) का काम करता है।
डायजेस्टिव सिस्टम मुख (mouth), ग्रसनी (pharynx), ग्रासनली (oesophagus), आमाशय (stomach) छोटी आँत, बड़ी आँत, मलाशय (rectum) एवं गुदा (anus), तथा विभिन्न सहायक अंग (accessary organs) दाँत, जीभ, 3 जोड़ी लार ग्रन्थियाँ (salivary glands), अग्न्याशय (pancreas), यकृत (liver), पित्ताशय (gall bladder) एवं पित्त नली (bile duct) से मिलकर बना होता है। डायजेस्टिव सिस्टम अनेक भागों(parts) से मिलकर बना एक सिस्टम है, जिसमें प्रत्येक भाग(part) अपना विशेष कार्य करता है।
10. यूरिनरी सिस्टम इन हिंदी (Urinary System in hindi) —
यह शरीर का मेन एक्सक्रियेटरी सिस्टम (excretory system) है, जो हमारी बॉडी में मेटाबोलिज्म(metabolism) के बाद बचे वेस्ट मैटेरियल्स को बॉडी से बहार निकालने का काम करता है तथा ब्लड प्रेसर को कण्ट्रोल करने, जल(water) एवं लवणों(salts) का तथा एसिड बेस बैलेंस (acid-base balance) बनाये रखने में मदद करता है। इसके अन्तर्गत गुर्दो (kidneys), दो मूत्रनलियों (ureters), मूत्राशय (bladder) तथा मूत्रमार्ग (urethra) का समावेश होता है।
11. रिप्रोडक्टिव सिस्टम इन हिंदी (Reproductive System in hindi)-
यह सिस्टम हमारे ही जैसे और जीवो को जन्म के लिए आवश्यक होता है जिससे की जीवन की निरंतरता बनी रहती है। इसमें रिप्रोडक्टिव सेल्स पैदा होती हैं, पुरुषों में शुक्राणु (spermatozoa) और स्त्रियों में डिम्ब (ova) बनते हैं। इस सिस्टम का मेन काम हमारे सामान जीवो को उत्पन्न करना होता है। इसके अन्तर्गत पुरुष(male) एवं स्त्री(female) के एक्सटर्नल और इंटरनल जेनिटाइल्स का समावेश होता है।
होमोस्टैसिस क्या है?? (what is the Homeostasis in hindi)
हमारे शरीर में बहुत से ऑर्गन्स होते होते है जो कई सिस्टम्स को बनाते है। यह सभी सिस्टम आपस में एक साथ मिलकर कई अलग अलग कामो को करते है जिससे हमारी बॉडी के सभी जरुरी काम होते रहते है। ये सभी ऑर्गन्स और सिस्टम एक निश्चित क्रम में व्यवस्थित ढंग से काम करते है जिससे हमारी बॉडी में बैलेंस बना रहता है। इस बैलेंस की कंडीशन को ही "होमोस्टैसिस या समस्थिति" कहते है।
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Very very good note
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