What is Interleukin 6 / IL-6 Test??
what is IL-6 Test |
what is Interleukin 6 hindi IL-6 एक प्रकार का इम्यून प्रोटीन होता है जो हमारे शरीर में इंफ्लामेशन और बीटा सेल्स के एक्टिव होने के साथ निकलता है यह हमारी इम्युनिटी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। IL-6 कई प्रकार की सेल्स के द्वारा जैसे मेक्रोफेगस एंडोथेलिअल सेल्स और टी सेल्स बनाया जाता है।
इन सेल्स के द्वारा IL-6 तब बनाया जाता है जब हमारी बॉडी में कोई मिक्रोविअल इंफेक्शन,trauma, burns, cancers, and infection , कई प्रकार के ट्यूमर और इंफ्लामेशन होते है। IL-6 एक इम्यून प्रोटीन होने के साथ साथ एक पाइरोजन केमिकल भी होता है, जो बुखार इंफेक्शन ऑटो इम्यून बीमारी और नॉन इन्फेक्टियस डिजीज होने पर बॉडी में निकलता है।
यह हमारे शरीर को बाहरी हानिकारक बैक्टीरिया वायरस और अन्य साइटोकाइन से बचाता है जब भी किसी प्रकार का इंफेक्शन हमारी बॉडी में होता है तो यह बॉडी के इम्यून सिस्टम को एक्टिवेट कर देता है, जिससे इंफेक्शन से बचने के लिए कई सारे इंफ्लामेटरी प्रोटीन निकलने लगते है।
इंटरल्यूकिन बॉडी में कैसे बनता है ??
यह एक मीडिएटर के रूप में काम करता है जो आपतकालीन स्थिति में बॉडी में बनने लगता है जब भी हमारी बॉडी में किसी प्रकार का इन्फेक्शन होता है। तब IL-6 पूरी बॉडी के इम्यून सिस्टम को एक वॉर्निंग सिंग्नल भेज देता है।
हमारी बॉडी की इम्यून सेल्स मोनोसाइट्स मोनोसाइट्स और मैक्रोफेजेस में कुछ रिसेप्टर्स होते है जिन्हे पैथोजन-रिकग्निशन रिसेप्टर्स (PRRs) कहते है। यह रिसेप्टर्स(PRRs) बाहरी Pathogens को डिटेक्ट करने का कार्य करते है। जब कोई बाहरी Pathogen या फैक्टर्स जैसे Cytokines , Beta-Tumor necrosis factor (TNF) इत्यादि बॉडी में जाते है तो यह PRRs के द्वारा पहचान लिए जाते है।
इन PRRs में टोल-लाइक रिसेप्टर्स (TLRs), रेटिनोइक एसिड-इंड्यूसिबल जीन -1-लाइक रिसेप्टर्स, न्यूक्लियोटाइड-बाइंडिंग ऑलिगोमेराइजेशन डोमेन-लाइक रिसेप्टर्स और डीएनए रिसेप्टर्स शामिल हैं।
ये सभी फैक्टर्स मिलकर ट्रांसक्रिप्शन फैक्टर्स को एक्टिवेट करते है जो की IL-6 को बनाने का काम करता है। जब भी हमरी बॉडी किसी प्रकार का इन्फेक्शन, टिश्यू डैमेज, या चोट लगती है तो IL-6 बॉडी में इंफ्लमैशन शुरू कर देता है।
IL-6 हमारी बॉडी कैसे और क्या काम करता है ??
IL-6 के कार्य उसके बनने के कारण और जगह पर निर्भर करते है यह एक मॉलिक्यूल है जो कई रूपों में पाया जाता है इसके कार्यो को कुछ इस प्रकार से समझा जा सकता है -
- Il-6 शरीर में चोट लगने या इंफ्लमैशन की कंडीशन में इंजरी एरिया में बनता है। यहाँ से यह ब्लड सर्कुलेशन के द्धारा लिवर में पहुँच जाता हैं। लिवर में पहुंचने के बाद यह लिवर में सी-रिएक्टिव प्रोटीन को बनाने के लिए प्रेरित करता हैं, और इसके साथ ही सीरम एमाइलॉयड ए (SAA), फाइब्रिनोजेन, हैप्टोग्लोबिन और α1-antichymotrypsin को भी बनाता हैं।
- c-reactive protein शरीर में फैगोसाइटोसिस को उत्तेजित करता हैं जबकि IL-6 (clotting factor) थक्के कारक फाइब्रिनोजेन के उत्पादन को बढ़ाता है। इन प्रकिया के फलस्वरूप शरीर में बुखार आना, ग्लुकोकोर्टीकोइड लेवल् बड़ा हुआ होना , high level of ESR (erythrocytes sedimentation rate ) आदि कंडीशन उत्पन्न हो जाती हैं।
- जब T-cells बनती है तो शुरुआत में IL-6 उनको डिफ्रेंसियेट करने में मदद करता है यह केमिकल प्रोजेनिटर सेल डेवलपमेंट के लिए और टी-सेल व नेचुरल किलर सेल्स के एक्टिवेशन के लिए भी आवश्यक होता है।
- यह बीटा सेल्स को डिफ्रेंसियेट करता है और बीटा सेल्स से प्लाज्मा सेल्स को बनाने का काम करता है साथ ही यह बॉडी में इम्यून सिस्टम के द्वारा इम्युनोग्लोबुलिन ए (IgA) और IgG के रूप में एंटीबॉडी रिलीज को बढ़ाता है।
- आईएल -6 सभी प्रकार की ब्लड सेल्स के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है और यह Kaposi’s sarcoma व multiple myeloma के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- आईएल -6 हमारी बॉडी में vascular endothelium growth factor (VEGF) का सीक्रेशन करता है जो इंफ्लमैशन की कंडीशन में ब्लड वेसल्स की ग्रोथ और पारगम्यता को को बढ़ा देता है।
आईएल -6 या इंटरल्यूकिन टेस्ट क्या होता है
जब भी हमारी बॉडी किसी प्रकार का इन्फेक्शन या कोई बीमारी होती है तो आईएल -6 का लेवल बढ़ने लगता है और बॉडी में इम्यून रिस्पांस स्टार्ट हो जाता है। बॉडी में कितना इन्फेक्शन हुआ है और इंटरनल ऑर्गन के टिश्यू कितने डैमेज हुए है यही जानने के लिए यह टेस्ट किया जाता है।
इस टेस्ट में हमरे ब्लड सैंपल को कलेक्ट करके उसमे IL-6 की मात्रा को देखा जाता है। यह बहुत सी बीमारियों और इन्फेक्शन के लिए किया जाता है जैसेकि बैक्टीरियल इन्फेक्शन, वायरल इन्फेक्शन, कैंसर, ट्यूमर, इंटरनल डैमेज , स्ट्रोक आदि।
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इस टेस्ट के लिए ताजा लिया गया ब्लड सैंपल जरुरी होता है क्योकि टाइम के इसका लेवल धीरे धीरे कम होने लगता है।
IL-6 टेस्ट प्लाज्मा सैंपल से किया जाता है प्लाज्मा सैंपल बनाने के लिए सबसे पहले ब्लड को EDTA Anticoagulant में लेकर अच्छी तरह से मिलाया जाता है और इसके बाद इसे सेंट्रीफ्यूज किया जाता है।
Normal range of IL-6 test -< or =1.8 pg/mL
What is Interleukin 6 / IL-6 Test in hindi पोस्ट का सारांश
इस पोस्ट के द्वारा हमने जाना की Interleukin 6 / IL-6 Test in hindi क्या होता है यह हमारी बॉडी किस तरह से बनता है साथ में हमने जाना की हमारे इम्यून सिस्टम को किस तरह से एक्टिवेट करता है।
हमने जाना की जब भी किसी प्रकार का इन्फेक्शन या बीमारी होती है तो उससे बचाने के लिए IL-6 किस प्रकार से रियेक्ट करता है। Interleukin 6 हमारी बॉडी को इन्फेक्शन या इंफ्लमैशन से बचाने के लिए बहुत ही आवश्यक केमिकल होता है।
उम्मीद करता हु आपको यह पोस्ट अच्छी लगी होगी और इसमें दी गयी जानकारी आपके लिए Helpfull रही होगी अगर इस पोस्ट से सम्बंधित कोई फीडबैक या suggestion हो तो कमेंट करके बताएं।
Thank you
What are doing when IL-6 lavel high
जवाब देंहटाएंbe prepare and start the treatment for infection
हटाएंMast likha hai
जवाब देंहटाएं👌👌👌👌
जवाब देंहटाएंIl 6 ko km krne ke liye kya krna chahiye
जवाब देंहटाएंisko kam karne ki jarurat nahi hoti hai jab inflamation ya infection kam hoga to iska level bhi kam ho jayega
हटाएंMeri maa ka IL6 level 121.70 h..ventilator pr h ...iska kya matlab h..plzz bataiye
जवाब देंहटाएंunko covid infection kaafi lambe time se hai
हटाएंaap unke dusre test karba lijiye taaki other complication hone se bacha ja sake
like D-Dimer, LDH,Ferritin CRP, and CBC