urine culture test in hindi पोस्ट में आपका स्वागत है इस पोस्ट के द्वारा हमने आपको यूरिन कल्चर के बारे में सभी जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास किया है।
इस पोस्ट में
यूरिन कल्चर टेस्ट यूरिन इन्फेक्शन यूरिन कल्चर टेस्ट की रिपोर्ट की जानकारी उपलब्ध करायी गयी है। यहाँ से आप
urine culture test in hindi के बारे बहुत ही आसानी से समझ सकते है चलिए पोस्ट को शुरू करते है।
यूरीन कल्चर टेस्ट क्या होता है? (urine culture test in hindi)
यूरिन कल्चर टेस्ट माइक्रोबायोलॉजी में किए जाने वाला एक अत्यंत महत्वपूर्ण टेस्ट होता है जिसके द्वारा हमारे मूत्र मार्ग या यूरिनरी सिस्टम में इंफेक्शन का पता लगाया जाता है। क्योंकि बैक्टेरिया या सूक्ष्मजीव मूत्र मार्ग में प्रवेश करते है तो मूत्रमार्ग में वृद्धि करने लगते है और इन्फेक्शन फैलाते है। जिससे बहुत सी परेशानियां होने लगती है।
बैक्टेरिया या सूक्ष्मजीवों की मूत्रमार्ग में उपस्थिति का पता लगाने लिए यूरिन सेंपल लिया जाता है और उसका कल्चर टेस्ट किया जाता है। यदि यूरिन कल्चर टेस्ट में बैक्टेरिया की ग्रोथ आती है, तो उसका सेंसिविटी टेस्ट भी किया जाता है।
यूरिन कल्चर सेंस्टिविटी टेस्ट के द्वारा हम उस बैक्टीरिया या सूक्ष्मजीव पर काम करने वाली एंटीबायोटिक का पता लगाते है जिससे की उस इन्फेक्शन का इलाज आसानी से किया जा सके। इसलिए यूरिन कल्चर सेंस्टिविटी टेस्ट भी बहुत जरूरी और सेंसटिव टेस्ट है। यूरिन इन्फेक्शन किसी भी वजह से हो सकता है और ये इन्फेक्शन बैक्टीरिया फंगस व् अन्य सूक्ष्मजीवो के द्वारा फैलाया जाता है। जानकारी के अनुसार महिलाओं में पुरुषो की तुलना में ज्यादा यूरिन इन्फेक्शन होता है और ज्यादातर यूरिन इन्फेक्शन बैक्टीरिया के द्वारा फैलाया जाता है।
यूरिन इन्फेक्शन बहुत पीड़ादायक हो सकता है अतः इसके सही उपचार के लिए यूरिन कल्चर टेस्ट बहुत ही जरुरी होता है।
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यूरिन कल्चर टेस्ट कब कराया जाता है- Urine culture test kab karaya jata hai
जब आपको यूरिन इन्फेक्शन होने के लक्षण दिखने लगते है तो आप यूरिन कल्चर टेस्ट करा सकते है। इसके अलावा अगर आपको यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण समझ नहीं आ रहे है, तो आपके डॉक्टर से मिले।
आपके डॉक्टर भी आपको आपके लक्षणों के आधार पर ये टेस्ट कराने की सलाह दे सकते है।
जब आप डॉक्टर के पास जाते है और उनको ये लगता है की आपको यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन (UTI ) हो गया है या उसके लक्षण दिखाई दे रहे है, एसी स्थिति में आपको यूरिन कल्चर टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है।
UTI (urinary tract infection) होने पर निम्न लक्षण दिखाई देते है।
- यूरिन या पेशाब करते समय दर्द, जलन होना ।
- पेट के निचले भाग में दर्द होना।
- यूरीन या पेशाब में ब्लड आना
- यूरीन या पेशाब रूक रूक कर आना
- यूरीन या पेशाब का रंग बदल जाना ।
- यूरीन या पेशाब के मार्ग में छाले हो जाना ।
- यूरिन की रूटीन टेस्ट में pus cell का अत्यधिक होना।
ये सभी लक्षण दिखने पर डॉक्टर यूरिन कल्चर टेस्ट की सलाह देते है। यूरिन कल्चर टेस्ट (urine culture test) आवश्यक रुप से करवा लेना चाहिए ताकि सही तरीके से उपचार किया जा सके।
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यूरिन कल्चर टेस्ट करवाने से पहले क्या - क्या सावधानियां रखनी चाहिए
यूरिन कल्चर टेस्ट बहुत ही सेंसिटिव टेस्ट होता है ये टेस्ट यूरिन में सूक्ष्मजीवों या बैक्टीरिया इत्यादि की उपस्थिति का पता लगाने के लिए किया जाता है यह टेस्ट करवाने से पहले कुछ विशेष सावधानियां रखनी चाहिए जिससे की टेस्ट का रिजल्ट से आ सके। यूरिन कल्चर टेस्ट कराते समय और यूरिन सैंपल के लिए जरुरी सावधानियाँ कुछ इस प्रकार से है:-
- यूरिन कल्चर टेस्ट करवाने से पहले किसी भी प्रकार की एंटीबॉयटिक नहीं खानी चाहिए और यदि आप एंटीबॉयटिक खा रहे है तो बंद कर देना चहिए।
- यूरिन कल्चर टेस्ट के लिए यूरिन का सुबह का पहला सैंपल लेना चाहिए ,क्योंकि सुबह का यूरिन रुका हुआ होता है इसलिए उसमे जल्दी बैक्टेरिया का पता चल जाता है।
- मिडस्ट्रिम यूरिन यूरिन सैंपल (थोड़ा यूरिन निकलने के बाद का बीच वाला सैंपल) लेना चाहिए।
- यूरिन सैंपल लेने के लिए लेने से पहले महिलाओं को अपने जनन अंगों को अच्छी तरह साफ कर लेना चाहिए और पुरुषों को भी अपने पेनिस को भी अच्छी तरह साफ कर लेना चाहिए ताकि दूसरे बैक्टीरिया सैंपल में न आ सके।
- यूरिन सैंपल लेने के लिए दिए गए कंटेनर में 40 ml के लगभग सैंपल कलेक्ट कर लेना चाहिए।
- यूरीन सैंपल को कंटेनर में लेने के बाद कंटेनर का ढक्कन को अच्छी तरह से बंद कर लेना चाहिए।
- जिन लोगों को कैथेटर या यूरिन की नली लगी रहती है उनका सैंपल प्रशिक्षित नर्सो या डॉक्टरों द्वारा निकला जाना चाहिए।
- यूरिन सेपल लेने से पहले हाथों को भी अच्छे से धो लेना चाहिए।
- महिलाओँ को मासिक धर्म (menstrual cycle) के दौरान यूरिन कल्चर टेस्ट कराने से बचना चाहिए अगर आवश्यक हो तो पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।
- इस टेस्ट को कराते समय डॉक्टर या सम्बंधित लैब पर अपने लक्षणों और स्थिति की सही-सही जानकारी देना चाहिए।
यूरिन कल्चर टेस्ट कितने समय में होना चाहिए?
यूरिन कल्चर टेस्ट के लिए सैंपल कलेक्शन हो जाने के बाद उसे 1 घंटे के अंदर प्रोसेस कर देना चाहिए ज्यादा टाइम तक यूरिन सैंपल को रखने से उसमें दूसरे बैक्टीरिया या सूक्ष्मजीवों की भी ग्रोथ हो जाती है। इसके अलावा ज्यादा देर यूरिन सैंपल को रखने उसमे उपस्थित बैक्टीरिया भी अपनी संख्या में वृद्धि कर लेते है और इस दौरान कई व्यर्थ पदार्थ भी बना देते है जैसे अमोनिआ यूरिया इत्यादि।
इससे यूरिन कल्चर टेस्ट की रिपोर्ट पर भी प्रभाव पड़ता है इसलिए यूरिन सैंपल को ज्यादा देर नहीं रखना चाहिए। किसी भी कारण से यूरिन सैंपल का टेस्ट तुरंत नहीं किया जा सकता है तो उसे रेफ्रिजरेटर में 2- 3 घंटे लिए रखा जा सकता है। रेफ्रिजरेटर में रखने के बाद यूरिन सैंपल को रूम टेंपरेचर पर लाकर उसे हम प्रोसेस कर सकते हैं।
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यूरिन कल्चर टेस्ट कैसे किया जाता है? - (urine culture test procedure)
यूरिन कल्चर टेस्ट करने के लिए यूरिन सैंपल को सही कलेक्ट करना जरुरी होता है लगाने के लिए कल्चर मीडिया, इनक्यूबेटर, इनोक्यूलेटिंग लूप, स्पिरिट लैंप या बर्नर, पेट्री डिश इन सब की आवश्यकता होती है। इस टेस्ट के लिए कई प्रकार के कल्चर मीडिया का उपयोग किया जाता है जैसेकि :- चॉक्लेट अगार मेकोंकी अगार क्लेड अगार इत्यादि।
ये सभी प्रकार के कल्चर मीडिया पहले से ही बना कर रखे जाते है और जरुरत के अनुसार उपयोग में लाये जाते है ज्यादार
कल्चर मीडिया को बनाकर एक पेट्री डिश में भर के रखा जाता है और रफ्रिजरेटर में स्टोर किया जाता है इन कल्चर मीडिया वाली पेट्री डिश को अगार प्लेट्स या कल्चर प्लेट्स भी कहा जाता है
।
जब सैंपल आता है तो उस इन कल्चर मीडिया प्लेट को हॉट एयर ओवन में स्टेराइल कर लेते हैं। यूरिन कल्चर टेस्ट लगाने की प्रक्रिया को हम निम्नलिखित कुछ स्टेप्स के द्वारा समझ सकते है
- यूरिन कल्चर टेस्ट लगाने के लिए सबसे पहले सभी जरुरी तैयारी कर ली जाती है
- सबसे पहले हम स्प्रिट लैंप को जला लेते हैं और उस पर इनोक्यूलेटिंग लूप को गर्म कर लेते हैं ताकि लूप पर कोई बैक्टीरिया ना लगा रह जाए।
- इसके बाद यूरिन सैंपल का कंटेनर खोलते हैं और उसमें वायर लूप को डुबा कर यूरिन सैंपल को अगार प्लेट पर अच्छी तरह से फैला देते हैं।
- कल्चर प्लेट्स में सैंपल को एक ज़िग ज़ैग पैटर्न में फैलाया जाता है इससे बैक्टीरिया या सूक्ष्मजीवों की ग्रोथ अच्छी होती है
- इसके बाद इस कल्चर प्लेट को इनक्यूबेटर में 24 से 48 घंटों के लिए इनक्यूबेशन के लिए इनक्यूबेटर में लगभग 37°C तापमान पर रख दिया जाता है ।
- फिर 24 घंटे के बाद अगार प्लेट को देखते हैं कि उसमें बैक्टीरिया की ग्रोथ हुयी है या नहीं । अगर कल्चर प्लेट में बैक्टीरिया या किसी भी सूक्ष्मजीव की ग्रोथ नहीं हुयी है तो उसे फिर से इनक्यूबेटर में रख देते हैं और दूसरे दिन देखते है।
- इसके बाद यदि उस प्लेट में बैक्टेरिया की ग्रोथ हुयी है तो उस बैक्टीरिया की हम सबसे पहले स्लाइड बनाएंगे और ग्राम स्टेनिंग करेंगे ताकि पता लगा सके की बैक्टीरिया ग्राम पॉजिटिव है या ग्राम नेगेटिव है।
- बैक्टीरिया को पहचानने के बाद हम उसका सेंसटिविटी टेस्ट लगाएंगे। इसके लिए इसके मुलर हिन्टोंन अगार (MHA) प्लेट का उपयोग किया जाता है ।
- MHA की प्लेट पर बैक्टेरिया को स्प्रेड कर देते है और इसमें एंटीबायोटिक की डिस्क चिपका देते है। फिर उस प्लेट को 24 घंटो के लिए इनक्यूबेटर में रखते है ।
- 24 घंटो के बाद उसे देखते है,जिस भी एंटीबायोटिक के आसपास गोल घेरा बनता है। वही एंटीबायोटिक उस बैक्टीरिया को मार सकती है, इसे उस बैक्टीरिया की सेंस्टिविटी कहा जाता है।
इस तरह यूरिन कल्चर टेस्ट से मरीज को ठीक करने में बहुत सहायता मिलती है। इस टेस्ट साथ सेंस्टिविटी टेस्ट लगाना भी जरुरी होता है।
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यूरिन कल्चर टेस्ट की रिपोर्ट कैसे बनायीं जाती है
यूरिन कल्चर टेस्ट के बाद उसकी रिपोर्ट बनायीं जाती है। अगर टेस्ट दौरान कल्चर प्लेट्स में किसी भी प्रकार के बैक्टीरिया या सूक्ष्मजीव की ग्रोथ नहीं आती है तो रिपोर्ट में दर्शाया जाता है। इसका मतलब यह होता है की मरीज की यूरिन में कोई बैक्टेरिया नही है और उसे कोई यूरिन इन्फेक्शन नहीं है।
परंतु कल्चर में बैक्टेरिया ग्रोथ होती है तो रिपोर्ट में बैक्टीरिया का नाम और सेंस्टिविटी टेस्ट की रिपोर्ट भी दर्शायी जाती है। अगर 10,000 ml से कम बैक्टेरिया की कॉलोनी ग्रोथ हो रही है, तो इसे नॉर्मल माना जाता है।
अगर यदि 10,000 ml से ज्यादा बैक्टेरिया की कॉलोनी ग्रोथ होती है, तो इसको एबनॉर्मल माना जाता है और सेंसिविटी टेस्ट लगाते है।
यूरिन कल्चर रिपोर्ट को ऐसे देखे :-
यूरिन कल्चर टेस्ट रिपोर्ट में
कौन सा बैक्टीरिया या सूक्ष्मजीव आया है और उससे सम्बंधित एंटीबायोटिक्स के नाम लिखे रहते है। यह देखा जाता है। यूरिन कल्चर की रिपोर्ट को सझना बहुत ही आसान होता है आपकी रिपोर्ट्स में कुछ शब्द या सिंबल बने होते है जैसे की S (Sensitive), R (Resistant) I (intermediate) इत्यादि । हम इन शब्दों का मतलब कुछ इस प्रकार से समझ सकते है :-
Sensitive (S) - यदि किसी एंटीबॉटिक के नाम के आगे "Sensitive" या S लिखा है इसका मतलब यह होता है की इस एंटीबायोटिक के लिए वो बैक्टीरिया या सूक्ष्मजीव संवेदनशील (सेंसटिव) है।
इस एंटीबायोटिक से आपका इन्फेक्शन ठीक हो सकता है और इन्फेक्शन फैलाने वाला बैक्टीरिया या सूक्ष्मजीव इससे मर जायेगा ।
Resistance (R)- यदि किसी एंटीबॉटिक के नाम के आगे "Resistance" या R लिखा है इसका मतलब यह होता है की इस एंटीबायोटिक के लिए वो बैक्टीरिया या सूक्ष्मजीव प्रतिरोधक होता है। इस एंटीबायोटिक से उस बैक्टीरिया या सूक्ष्मजीव पर कोई असर नहीं होगा इस एंटीबायोटिक से आपका इन्फेक्शन ठीक नहीं हो सकता है।
Intermediate (I):- यदि किसी एंटीबॉटिक के आगे "Intermediate" या I लिखा है इसका मतलब यह होता है की ये एंटीबायोटिक काम तो करेगी, लेकिन बहुत धीरे धीरे काम करेगी। इस स्थिति में आपको ये एंटीबायोटिक लम्बे समय तक खानी पद सकती है।
NOTE :- यदि आपकी यूरिन कल्चर रिपोर्ट में further testing लिखा है इसका मतलब आपको दोबारा ये टेस्ट करवाना चाहिए।
conclusion of urine culture test in hindi
इस पोस्ट के द्वारा हमने यूरिन कल्चर टेस्ट के बारे में लगभग सारी जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास किया है इस पोस्ट में हमने यूरिन कल्चर टेस्ट कैसे किया जाता है , क्यों किया जाता है , टेस्ट की रिपोर्ट कब आती है और रिपोर्ट को कैसे पढ़े इन सब के बारे में समझाया है।
इसके साथ ही हमने इस पोस्ट से जुड़े कुछ अन्य पूछे जाने वाले प्रश्नो को भी शामिल किया है। आशा करता हूँ ये पोस्ट आपको पसंद आयी होगी। अगर इससे संबंधित कोई सुझाव या प्रश्न है तो कमेंट करके जरूर बताएं, धन्यवाद।
आप पढ़ रहे है:- urine culture test in hindi
FAQs About urine culture test in hindi
Urine culture test ka price kya hota hai
यूरिन कल्चर टेस्ट की कीमत सभी जगह अलग अलग होती है। इसकी कीमत 600 से लेकर 1200 रूपए तक हो सकती है।
सरकारी अस्पतालों में यह टेस्ट निः शुल्क भी होता है और कुछ जगह इसके कुछ पैसे भी लगते है।
urine culture test ki report positive aane par kya karen
अगर आपके यूरिन कल्चर टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो इसका मतलब यह होता है की आपको मूत्र मार्ग या इससे सम्बंधित इन्फेक्शन है।
टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद आप अपने कल्चर की सेंस्टिविटी रिपोर्ट देखे और डॉक्टर को दिखाए। आपके डॉक्टर सेंस्टिविटी रिपोर्ट के अनुसार आपको दवाइयां देते है, जिससे आप बहुत जल्द ठीक हो जाते है।
kya urine infection se kidney kharab hoti hai
बहुत से लोगो मन में ये सवाल आता है की क्या यूरिन इन्फेक्शन से किडनी ख़राब हो जाती है लेकिन ऐसा नहीं होता है।
अगर आपको कुछ समय के लिए थोड़ा यूरिन इन्फेक्शन हुआ है तो इससे किडनी ख़राब नहीं होती है। बहुत ज्यादा इन्फेक्शन होने स इ और इन्फेक्शन लम्बे समय तक रहने से किडनी ख़राब होने की सम्भावना रहती है।
urine culture ki report kaise dekhe
अगर आपने अपना या किसी का यूरिन कल्चर टेस्ट कराया है तो आपकी रिपोर्ट तीन से पांच दिन में मिलती है। आपकी कल्चर रिपोर्ट में अगर No Growth लिखा हो तो इसका मतलब है, की आपकी रिपोर्ट नेगेटिव है और आपको किसी प्रकार का यूरिन इन्फेक्शन नहीं है।
अगर आपकी कल्चर रिपोर्ट में No Growth नहीं लिखा हो और उसकी जगह पर किसी बैक्टीरिया का नाम लिखा है तो इसका मतलब आपकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है आपको यूरिन इन्फेक्शन है।
urine culture report positive aane par kya hota hai
अगर किसी भी मरीज का यूरिन कल्चर टेस्ट पॉजिटिव आता है तो लैब में उस मरीज के यूरिन से सेंस्टिविटी टेस्ट लगाया जाता है।
जिसको AST या सेंस्टिविटी टेस्ट कहते है। इस टेस्ट से यह पता लगाया जाता है की मरीज का इन्फेक्शन किस दवाई से ठीक हो सकता है, और किस दवाई से उस इन्फेक्शन पर कोई असर नहीं होगा।
urine infection ka pata kaise chalta hai
अगर मरीज या किसी व्यक्ति को यूरिन pass-out करने में या उसके बाद मूत्र मार्ग में जलन जैसा लगता है तो उसको यूरिन इन्फेक्शन होने की सम्भावना होती है। यूरिन इन्फेक्शन का पता लगाने के लिए उस मरीज या व्यक्ति के यूरिन से यूरिन कल्चर टेस्ट के द्वारा यह पता लगाया जा सकता है की उसको यूरिन इन्फेक्शन है या नहीं।